Summary
“शोषक और शोषित में एकता क्या संभव है” आलेख मुसलामानों में जाति के मसले पर रौशनी डालता है और यह साबित करने करता है कि मुसलामानों में जाति प्रथा न केवल मौजूद है बल्कि उसका पालन भी बड़ी शिद्दत से किया जाता है. ये आलेख इस बात से भी आगे बढ़कर सोचने पर मजबूर करता है कि जो स्थितियां हमारे सामने मीडिया प्रस्तुत करता आ रहा है उनपर अपनी राय कैसे बनाएं.
मूलतः यह आलेख ‘राउंड टेबल इंडिया‘ हिंदी वेब पोर्टल पर प्रकाशित हुआ है.
आलेख के लेखक हैं – शफीउल्लाह अनीस